मुझे गर साँवरे तेरा सहारा मिल गया होता (Mujhe Agar Sanware Tera Sahara Mil Gya Hota)

Mujhe Agar Sanware Tera Sahara Mil Gya Hota
मुझे गर साँवरे तेरा सहारा मिल गया होता

 

तर्ज – मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा

 

मुझे गर साँवरे तेरा, सहारा मिल गया होता,
अगर एक बार चले आते, किनारा मिल गया होता

 

मिले तुमसा अगर साथी, किनारा पास आ जाता,
बड़ी आसानी से मोहन, मेरी मंजिल मैं पा जाता
मुझे गर साँवरे तेरा, सहारा ……

 

नसीबा है बुरा अपना, तुम्हें फिर दोष क्यों देंगे,
मगर अफसोस इतना है, तेरे रहते भी डूबेंगे ।।
मुझे गर साँवरे तेरा, सहारा ……

 

बड़े अरमान से हमने, पुकारा है कन्हैया को,
जरा ‘बनवारी’ आ करके, बचाले मेरी नैया को ।।
मुझे गर साँवरे तेरा, सहारा ……

 

श्री जयशंकर चौधरी ‘बनवारी’ द्वारा ‘मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता’ गीत की तर्ज पर रचित रचना ।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
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