Tabariya Chunad Laya Odho Maiya Ghane Chaav Se
टाबरिया चूनड़ ल्याया थानै उढ़ाबा आया ओढ़ो मैया जी घणै चाव सैं
तर्ज – ग्यारस चानण की आई भगतां मिल ज्योत जगाई
टाबरिया चूनड़ ल्याया, थानै उढ़ाबा आया,
ओढ़ो मैया जी घणै चाव सैं ।।
झीणो-झीणो सो थारो, पोत मंगायो जी,
सोणी सी लाल सुरंगी, चुनड़ी रंगाया जी,
गोटा-किनारी सोहे, लम्पी-लूमा मन मोह्वै,
थानै उढ़ास्यां मैया भाव सैं ।
टाबरिया चूनड़ ल्याया, थानै…..
चाँदी सिंहासन जननी, आप बिराजो जी,
बेटां को हे जगदम्बा, मान बढ़ाद्यो जी,
मोत्यां को जाळ बिछायो, साँचो सो माल लगायो,
थानै उढ़ास्यां घणै मान सैं ।
टाबरिया चूनड़ ल्याया, थानै…..
थारो सिणगार भवानी, मनड़ो लुभावै जी,
देखो टाबरिया थानै, चूनड़ी उढ़ावै जी,
घर मं माँ आज पधारी, जावां हां म्है बलिहारी,
‘हर्ष’ उढ़ास्यां थानै नाज सैं ।
टाबरिया चूनड़ ल्याया, थानै…..