भक्त तुमको साँवरे कई अनेक है हमको तो कन्हैया प्यारे तूँ ही एक है (Bhakt Tumko Sanware Kai Anek Hai Humko To Kanhiya Pyare Tu Hi Ek Hai)
Bhakt Tumko Sanware Kai Anek Hai Humko To Kanhiya Pyare Tu Hi Ek Hai भक्त तुमको साँवरे कई अनेक है हमको तो कन्हैया प्यारे तूँ ही एक है तर्ज – माँ अंजनी के लाल || दोहा || इस कलयुग में साँवरे, तेरे भक्त अनेक । मैं भी उनमें एक हूँ, एक बर कानी … Read more