Banke Joganiya Mahlo Ki Rani Nache Meera Deewani
बनके जोगनिया महलों की रानी नाचे मीरां दीवानी नाचे मीरां दीवानी
तर्ज – मैं तेरी दुश्मन दुश्मन तूं मेरा
बनके जोगनिया, महलों की रानी,
नाचे मीरां दीवानी, नाचे मीरां दीवानी ।।
साँचा नाम श्याम प्रभु का है,
है घनश्याम का…..
रिश्ते-नाते और घर छोड़ा,
झूठी दुनिया से मुँह मोड़ा,
श्याम बसे मन के मन्दिर में,
दुःख और सुख का बंधन तोड़ा,
हाथ कमण्डल और गल माला,
मोह-माया को भी तज डाला,
मीरां कन्हैया की प्रीती पुरानी ।
नाचे मीरां दीवानी, नाचे मीरां दीवानी ।।
मन में मोहन, कर इकतारा,
नाम जपे गिरधर का प्यारा,
मैं गिरधर की गिरधर मेरे,
ढूँढा साँवरिया का द्वारा,
सन्त समागम हरिकथा भावै,
नहीं दुनिया के रंग सुहावै,
दुनिया की बातों में क्या आनी-जानी ।
नाचे मीरां दीवानी, नाचे मीरां दीवानी ।।
श्याम की खातिर सब दुःख झेले,
जहर पिया सर्पों से खेले,
सहन किये दुनिया के ताने,
श्याम बिना सब सूने मेले,
जिसके संग कन्हैया सोह्वै,
बाल ना बांका उसका होवै,
मोहन के संग बीते जिन्दगानी ।
नाचे मीरां दीवानी, नाचे मीरां दीवानी ।।
‘श्यामसुन्दर’ के रंग में रंगकर,
मीरां ओढ़ी श्याम चुनरिया,
गिरधर-गिरधर रटते-रटते,
यूँ ही बिताई सारी उमरिया,
मातृदत्त जो श्याम मनावै,
वो दुनिया में नाम कमावै,
हो गई अमर जग में ये कहानी ।
नाचे मीरां दीवानी, नाचे मीरां दीवानी ।।
स्व. श्यामसुन्दरजी शर्मा पालम वालों द्वारा ‘मैं तेरी दुश्मन, दुश्मन तूं मेरा’ (नगीना) गीत की तर्ज़ पर रचित रचना ।
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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