बीच मझधार हाथों छूटी पतवार बाबा डूब ना जाये नैया श्याम जल्दी से आजा (Beech Majhdhaar Haatho Chuti Patwar Baba Dub Na Jaye Naiya Shyam Jaldi Se Aaja)

Beech Majhdhaar Haatho Chuti Patwar Baba Dub Na Jaye Naiya Shyam Jaldi Se Aaja
बीच मझधार हाथों छूटी पतवार बाबा डूब ना जाये नैया श्याम जल्दी से आजा

 

तर्ज – चाँद आहें भरेगा

 

बीच मझधार हाथों, छूटी पतवार बाबा,
डूब ना जाये नैया, श्याम जल्दी से आजा ।।

 

हाथ कमजोर मेरे, कैसे नैया चलाऊँ, 
थक गया हूँ दयालु, आजा तुझको बुलाऊँ,
या मुझे पार करदे, या तरीका बताजा ।।
डूब जाये ना नैया, श्याम …..

 

एक विश्वास तुझपे, मैंने हरदम किया है,
मुसीबत के समय में, श्याम हाजिर हुआ है,
उस भरोसे की बाबा, आके इज़्ज़त बचाजा ।।
डूब जाये ना नैया, श्याम …..

 

भक्त के वास्ते तूं, नंगे पैरों ही आता,
‘हर्ष’ पूछे बतादे, काहे देरी लगाता,
भक्त-भगवान् का वो, प्यारा रिश्ता निभाजा ।।
डूब जाये ना नैया, श्याम …..

 

श्री विनोद अग्रवाल ‘हर्ष’ द्वारा ‘चाँद आहें भरेगा, फूल दिल थाम लेंगे’ गीत की तर्ज़ पर रचित भजन ।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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