Darshan Do Ghanshyam Nath Mori Akhiyan Pyaasi Re
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे ।
मन मंदिर की जोत जगा दो, घट घट वासी रे ।।
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे ।
मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी ।
युग बीते ना आई मिलन की पूरनमासी रे ।।
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे ।
द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले ।
अंधा देखे लंगड़ा चल कर पहुँचे काशी रे ।।
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे ।
पानी पी कर प्यास बुझाऊँ, नैनन को कैसे समजाऊँ ।
आँख मिचौली छोड़ो अब तो मन के वासी रे ।।
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे ।
निबर्ल के बल धन निधर्न के, तुम रखवाले भक्त जनों के ।
तेरे भजन में सब सुख़ पाऊं, मिटे उदासी रे ।।
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे ।
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
श्रीश्याम आशीर्वाद पोर्टल पर सभी मंदिर , भजन , भक्तो का जीवन परिचय, भक्तो के साक्षात्कार, प्रभु सुमिरन , ग्रन्थ व् अन्य कंटेंट को किसी न किसी ऑथेंटिकेटेड जानकारी व् व्यक्ति विशेष से लिया गया है या हमारे द्वारा पोर्टल पर विभिन्न माध्यम से प्राप्त किया गया है। कंटेंट पब्लिश करने में पूर्णतया सावधानी रखी गई है। श्री श्याम आशीर्वाद आपके द्वारा किसी भी पोस्ट में दिए गए सुझाव , बदलाव व् नए प्रस्ताव का सहृदय हार्दिक स्वागत करता है।