Gajab Dha Rahi Hai Najakat Tumhari Fana Kar Diya Tune Banke Bihari
ग़ज़ब ढा रही है नज़ाकत तुम्हारी फना कर दिया तूने बांकै बिहारी
तर्ज – सौ साल पहले
ग़ज़ब ढा रही है, नज़ाकत तुम्हारी,
फना कर दिया तूने, बांकै बिहारी ।।
बाँकेपन की किसने, तेरी कीमत आंकी है,
तुमसे टकराकर भी, क्या मुझमे बाकी है,
कलेजे में नज़रों की, लगी है कटारी ।
फना कर दिया तूने, बांकै बिहारी ।।
बाँसुरिया में श्याम तेरे, कोई जादू-टोना है,
है मीठी सी मुस्कान तेरी, तूं यार सलोना है,
तेरी याद में, जिन्दगी है गुजारी ।
फना कर दिया तूने, बांकै बिहारी ।।
छूट जायें चाहे प्राण, मगर ये प्रीत ना टूटेगी,
नैनों से रसधार, प्रेम की यूँ ही छूटेगी,
मैं हूँ नेह नगरी का, पुराना जुआरी ।
फना कर दिया तूने, बांकै बिहारी ।।
श्यामबहादुर तुमसे श्याम, मेरा जूना खाता है,
श्यामधणी के दर पे, ये ‘शिव’ खैर मनाता है,
अनूठी सी है तेरे, प्यार की खुमारी ।
फना कर दिया तूने, बांकै बिहारी ।।
श्रद्धेय स्व. शिवचरणजी भीमराजका ‘शिव’ द्वारा ‘सौ साल पहले, मुझे तुमसे प्यार था’ गीत की तर्ज़ पर रचित अनुपम रचना ।
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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