इच्छापूर्ण श्री श्याम मंदिर अजितसर गोगासर (Ichapuran Shree Shyam Mandir Ajeetsar)

Ichapuran Shree Shyam Mandir Ajeetsar

इच्छापूर्ण श्री श्याम मंदिर, अजितसर (गोगासर)इच्छापूर्ण श्री श्याम मंदिर अजितसर गोगासर (Ichapuran Shree Shyam Mandir Ajeetsar)

कलिकाल में घर -घर में आपकी पूजा मेरे श्याम नाम से होगी। यही वरदान भगवान कृष्ण ने हमारे बाबा श्याम को दिया था। जो भी प्राणी आपको दिल से ध्याएगा, मनाएगा उसके सकल मनोरथ आप पूर्ण करोगे । आज ये सत्य हम अपनी आँखों से देख रहे है, जितना प्रचार श्री श्याम नाम का हो रहा है, अन्य किसी देवी, देवता का नही। आज घर घर में बाबा श्याम की ज्योति जल रही है। कलियुग में साक्षात प्राकट्य बाबा श्याम के दरबार में जितनी जल्दी सुनाई होती है, अन्य कही नही होती। निर्धन को धन, नि:सन्तान को सन्तान एवं असाध्य से असाध्य कष्ट का निवारण एवं असंभव से असंभव कार्य इस दरबार मे बनते देखे है। यूँ तो बाबा श्याम का निज धाम खाटूधाम है। खाटू धाम के अलावा युं तो भारत वर्ष के कोने – कोने में अपने निज भक्तो के भावों से रीझ कर कलीकाल के प्रत्यक्ष देवता बाबा श्याम ने अपना दरबार लगा रखा है। ऐसा ही एक दरबार राजस्थान के चुरू जिले के छोटे से गाँव अजीतसर में श्री ईच्छापूर्ण श्याम मन्दिर अजीतसर धाम से सुविख्यात है। ऐसा ही एक चमत्कारी दरबार राजस्थान के चुरू जिले में रतनगढ़ रोड पर स्थित अपनी प्रसिद्धि की ध्वजा लहरा रहा है। बाबा के भक्तो का मानना है कि बाबा अपने दरबार में आने वाले सभी भक्तो के मन की अरदास सुनते है और उन्हे पूर्ण करते हैं तथा इस पावन दरबार में नित नये चमत्कार देखने को मिलते हैं।

जन – जन के आस्था के केन्द्र खाटू नरेश बाबा श्याम के अजीतसर सहित सरदारशहर तहसील व चुरू जिले तथा राजस्थान व भारत के अनेको अनेक भक्तों के इंतजार की घड़ियां तब समाप्त हुई जब 7 मई 2017 को बाबा के विशाल मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई। लेकिन यह बाबा श्याम का दरबार सन् 2001 से ही बाबा श्याम के अनन्य भक्त श्री महावीर जी पुजारी के घर लग चुका था। पुजारी श्री महावीर जी पारीक बाबा की समर्पित भाव से निस्वार्थ सेवा पूजा करतें है। यहाँ अनेकों श्याम भक्तों को चमत्कार हो चुके हैं। मंदिर की भव्यता श्याम प्रेमीयों के आकर्षण का केन्द्र है।

बाबा के दरबार में जाने वाले अनेकों श्याम भक्तों के मन में भाव थे कि अजीतसर में बाबा का भव्य विषाल मन्दिर का निर्माण हो और यह सोभाग्य गोगासर के बाबा श्याम के अनन्य भक्त श्री रामावतार जी जोशी (पारीक) को बाबा श्याम ने दर्शन देकर मन्दिर निर्माण का आदेश दिया। श्री रामावतार जी ने बाबा के आदेश को शिरोधार्य कर अजीतसर धाम में बाबा श्याम का भव्य मन्दिर का निर्माण करवाया। श्री रामावतार जी आज भी यही कहते हैं कि हम तो निमित मात्र हैं ये सब श्री श्याम प्रभु की कृपा से संभव हो पाया है। बाबा श्याम की इस सेवा व विशेष कृपा के लिए हम कृतज्ञ है जो मुझे बाबा ने सेवा का मौका दिया। अपने सरल स्वभाव एंव बाबा श्याम की अटूट भक्ति के धनी श्री रामावतार जी जोशी को श्री श्याम आशीर्वाद परिवार की और से पुनः साधूवाद।

मन्दिर निर्माण में बाबा की विशेष कृपा…..
श्री श्याम कृपा पात्र गौसेवक एवं श्री श्याम प्रभु पर अटूट श्रद्धा रखने वाले श्याम भक्त श्री रामावतार जी जोशी ( गोगासर ) को प्रभु ने निमित बना कर इस भव्य अलौकिक दरबार का निर्माण करवाया।

भक्ति में शक्ति

श्री ईच्छापूर्ण श्याम मन्दिर अजीतसर धाम के निर्माण के पिछे की कहानी भी अनुठी है जिस हेतु पुजारी जी ने बताया की असहाय निर्बल , बिमार , लाचार गायों को देखकर मन में पिडा होती थी। मैं खाटू गया और बाबा से ये प्रार्थना की – बाबा इनकी पीडा आपको हरनी होगी। बाबा श्याम ने प्रार्थना सुनी और बाबा का आशीर्वाद मिला। अनेकों गायें जो मृत्यु के काल की पीडा सह रही थी, बाबा श्याम की भभूती और तांती से पुनः स्वस्थ हुई। जिसके बाद घर में ही विराजीत श्री श्याम प्रभु की छवी के आगे पूजारी जी निस्वार्थ सेवा पूजा एंव समर्पित भाव से ज्योत करवाकर आने वाले अनेक भक्तो का कष्ट निवारण किया करते हैं। बाबा श्याम ने यहां पर अनेकों बार ज्योत में भी साक्षात दर्शन दिये हैं। बाबा के इस दरबार में अनेक असाध्य रोगों (कैंसर) व कष्टों से छुटकारा दिलवाया। अनेको अनेक निःसन्तान दम्पतियों को 15-20 वर्षों पश्चात सन्तान प्राप्त हुई।

श्री रामावतार जी जोशी (पारीक) जो मूल गोगासर के निवासी है । बहुत पुराने समय की बात है । जब यहां श्याम बाबा को मानने वाले 5-7 परिवार थे। जिसमें गोंड़ ब्राह्मण एवं पारीक परिवार ही बाबा की धोक पूजा करते थे। जोशी परिवार जिनके कुल देवता श्याम प्रभु थे। श्री रामावतार जी के पिता जी के कुछ मित्रों ने यहां प्राचीन ठाकुर जी के मन्दिर में श्याम बाबा की मूर्ति स्थापना की इच्छा जताई ,लेकिन किन्ही कारणवश निर्माण नही हो पाया। उस समय इनके परिवार से श्री सुभाष पारीक जो प्रति एकादशी खाटू जाने लगे एवं इनकी भी बाबा के प्रति अटूट श्रद्धा होने के कारण इनकी भी ये इच्छा थी कि बाबा के मन्दिर का निर्माण हो ,लेकिन फिर शायद बाबा की इच्छा कुछ और थी । मदिंर स्थापना कार्य नही हो पाया। कुछ समय पश्चात श्री रामावतार जोशी के गृह निर्माण कार्य शुरू हो गया ।ये वहां सुबह शाम निर्माण कार्य को संभालने जाते। एक रोज जब शाम को निर्माण कार्य संभालने गए तो वहां इनको सुदर्शन चक्र के दर्शन प्राप्त हुए ,लेकिन इनको विश्वास नही हुआ सोचा कोई भ्रम हुआ है । लेकिन पुनः इन्हें वही दर्शन प्राप्त हुए ये उसी समय घर पर आये, और सारी घटना अपनी धर्मपत्नी को बताई, तो उन्होंने इनसे कहा आपको ग्रामवासियों ने परिवार एवं आपके मित्रो ने सब ने कहा है कि छोटा ही सही श्री श्याम मन्दिर का निर्माण करवाइये यही बाबा श्याम की प्रबल इच्छा भी है और आपको शायद आदेश भी।

कुछ वर्षों पूर्व श्री रामावतार जोशी के व्यवसाय में कार्यरत श्री महावीर पारीक (जो अजितसर के है) उंन्होने कहा था कि मेरे खेत की भूमि है जिसमे आप मन्दिर निर्माण करवा लिजिए।

इनको आभास होने के दूसरे दिन ही विद्वान पण्डित से शुभ मुहूर्त पूछ कर भूमि पूजन कर मन्दिर निर्माण शुरू करवा दिया एवं भव्य कलाकृति से अलौकिक दरबार का निर्माण सम्पूर्ण हुआ । 7 मई 2017 को पर पूर्ण विधि विधान से श्री श्याम मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन हुई श्री श्याम प्रभु का अलौकिक शीश विग्रह जयपुर से मंगवाया गया। बाबा श्याम के अलावा श्री सालासर हनुमान जी एवं इनकी कुल देवी कुंजलमाता की एवं शिव परिवार की मूर्ति की भी प्राण प्रतिष्ठा की गई ।

श्री श्याम मन्दिर अजितसर धाम में दोनों समय पूर्ण भाव से आरती पूजा की जाती है । श्री श्याम मन्दिर अजितसर का वार्षिक उत्सव हर वर्ष 7 मई एव फागुण सुदी एकादशी को जागरण एव प्रसाद का भव्य आयोजन एव कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव एव शुक्लपक्ष की एकादशी को पूर्ण भक्ति भाव से कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।

“यहां मन की मुरादे पाते हुए देखा
देखी है बदलती किस्मत की रेखा
नित नई नवेली मुस्कान है इनकी,
खाटू वाले कि हर बात अनोखी”

श्री श्याम मंदिर अजितसर धाम जो नित्य चमत्कारों से सुशोभित धाम भक्ति भाव से नित्य सेवा से रीझ कर बाबा दरबार मे बैठ कर अपने निज भक्तो को वरदान देते है एवं कष्टो से निवारण करते है। अनगिनत चमत्कारों से सुशोभित ये धाम अपनी प्रसिद्धि की ध्वजा फहरा रहा है। जहाँ विराजित बाबा श्याम की महिमा दूर- दूर तक गाई जाती है चमत्कारी श्री श्याम मंदिर अजितसर धाम में आप भी स्वयं आइए और प्रभु का आशीर्वाद एवं प्यार प्राप्त कीजिये जो कभी समाप्त नही होता।

“अपनी सेवा में लेकर के
प्रभु ने मुझ पर उपकार किया,
मैं धन्य धन्य और कृत- कृत हूँ,
मेरा मानव जीवन संवार दिया”

इस भव्य अलौकिक श्री श्याम मन्दिर के निर्माण के निमित बने श्री रामावतार पारीक एव सुभाष जी पारीक का यही मानना है कि श्री श्याम प्रभु की विशेष कृपा से हमे ये सौभाग्य प्राप्त हुआ बाबा श्याम ने हमे निमित बना कर जीवन को धन्य धन्य किया श्री श्याम प्रभु नित्य सेवा में लगाये रखे।

श्याम बाबा की जय
हारे के सहारे की जय

श्री महावीर जी पारीक

(पुजारी इच्छापूर्ण श्री श्याम मंदिर)
(अजितसर ,गोगासर)

श्री रामावतार जी सुभाष जी पारीक
(बर्बरीक लॉजिस्टिक)
(गोगासर चुरू राजस्थान)

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम यही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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