जगदम्बा थे तो आकर ओढ़ो ए सेवक ल्याया माँ थारी चूनड़ी (Jagdamba The To Aa Kar Odho Re Sevak Laya Maa Thari Chundi)

Jagdamba The To Aa Kar Odho Re Sevak Laya Maa Thari Chundi
जगदम्बा थे तो आकर ओढ़ो ए सेवक ल्याया माँ थारी चूनड़ी

 

तर्ज – बाई सा रा बीरा जैपुरिये जाज्यो जी

 

जगदम्बा थे तो आकर ओढ़ो ए,
सेवक ल्याया माँ थारी चूनड़ी ।।

 

सुहागण मिल चाव सैं बांधी ए,
श्रद्धा कै रंग मं रंगाई चूनड़ी ।।
जगदम्बा थे तो आकर…..

 

सूरतां को झीणो पोत बणायो ए,
मनड़ा की पेटी मं या आई चूनड़ी ।।
जगदम्बा थे तो आकर…..

 

आशा का तारा खूब लगाया ए,
मोती की लूमां लगाई चूनड़ी ।।
जगदम्बा थे तो आकर…..

 

माँ साँचा तारा साँचो ही गोटो ए,
म्हानै प्यारी लागै माँ तारां री चूनड़ी ।।
जगदम्बा थे तो आकर…..

 

चूनड़ी का तारा चम-चम चमकै ए,
महारो मनड़ो हर लीन्यो तारां री चूनड़ी ।।
जगदम्बा थे तो आकर…..

 

‘बनवारी’ गावै चूनड़ उढ़ावै ए,
थे आकर ओढ़ो माँ तारां री चूनड़ी ।।
जगदम्बा थे तो आकर….

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
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