जय जय बाबा श्याम थारी जगमग ज्योत सवाई है (Jay Jay Baba Shyam Thari Jagmag Jot Sawai Hai)

Jay Jay Baba Shyam Thari Jagmag Jot Sawai Hai
जय जय बाबा श्याम थारी जगमग ज्योत सवाई है

 

तर्ज – कीर्तन की है रात

 

जय जय बाबा श्याम थारी जगमग ज्योत सवाई है
थारी भोत घणी सकलाई है ।।

 

थारै नाम को डंको,दुनियां मं बाजै है,निराली शान है,
जावां जठे पावां,हर गाँव नगरी मं, थारो गुणगान है,
बस्ती बस्ती मं, थारी चर्चा देव सुणाई है।।(१)

 

दिल खोल क बाँटो,संकट सभी काटो,जो आव द्वार पर,
शरणागति पाव,थारी शरण आव,जो जग से हार कर,
सुख का सागर श्याम,थारो नाम बड़ो सुखदाई है।।(२)

 

धन्यवाद है थान्नै,थे दे रह्या म्हाने, जो भी दरकार है,
सबसे बड़ी है बात,जो मिल रही सौगात,वो थांको प्यार है,
अनुभव करां दिन-रात,यो तो देव नांय दिखाई है।।(३)

 

जो प्रेम से ध्यावे,नित श्याम गुण गावे,थारै नजदीक है,
थान्नै जो पहचाण्यो,यो भेद जो जाण्यो,यो रस्तो ठीक है,
“बिन्नू” जीवन मं, वो तो गाढ़ी करी कमाई है।।(४)

 

थारी भोत घणी सकलाई है

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम यही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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