Jindagi Choti Mili Hai Khus Raho Har Hal Me
जिन्दगी छोटी मिली है खुश रहो हर हाल में
तर्ज – साँवली सूरत पे मोहन
जिन्दगी छोटी मिली है, खुश रहो हर हाल में ।।
जो हुआ हासिल उसी में, मस्त रहो – अलमस्त हो,
बन्दे उतना ही मिलेगा, जो लिखा है भाल में ।।
जिन्दगी छोटी मिली है……..
खुशियों में हर पल बिताना, जिन्दगी का नाम है,
खुलके हँसले आज प्यारे, क्या पड़ा जंजाल में ।।
जिन्दगी छोटी मिली है……..
साँसों की सरगम पे रब के, नाम की माला जपो,
क्या पता प्रभु दे दिखाई, साँसों की सुरताल में ।।
जिन्दगी छोटी मिली है……..
बीता कल तो जा चुका है, ‘हर्ष’ यादें हैं बची,
आने वाला कल छुपा है, वक़्त के ही काल में ।।
जिन्दगी छोटी मिली है……..
श्री विनोद अग्रवाल ‘हर्ष’ द्वारा सुप्रसिद्ध भजन ‘साँवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया’ की तर्ज़ पर रचित अनुपम रचना ।