Jo Kuch Bhi Hu Main Baba Sab Teri Maharbani Hai
तुमसे ही मिली खुशियाँ तुमसे जिंदगानी है जो कुछ भी हूँ मैं बाबा तेरी मेहरबानी है
तर्ज – इक प्यार का नगमा है
तुमसे ही मिली खुशियाँ, तुमसे जिंदगानी है,
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा, तेरी मेहरबानी है ।।
सूना मेरा जीवन था, तूं बनके बहार मिला,
मेरी नाव भँवर में थी, बनके पतवार मिला,
पहले ग़म के आँसू थे, अब खुशियों का पानी है ।।
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा, तेरी….
कल तक जो ना बदला था तूने आज बदल डाला,
तूने मेरे जीने का, अंदाज़ बदल डाला,
कल तक ग़म की रातें थी, अब भोर सुहानी है ।।
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा, तेरी….
जीवन का हर सपना, तुमने साकार किया,
मुझ जैसे निर्गुण को, तूने कितना प्यार दिया,
तूने लिख दी मोहब्बत से, ‘सोनू’ की कहानी है ।।
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा, तेरी….
कुछ और नहीं चाहूँ, बस तुझमे ध्यान रहे,
तेरे चरणों में हरदम, मेरा स्थान रहे,
तेरी छाया में जीवन की, हर साँस बितानी है ।।
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा, तेरी….
श्री आदित्य मोदी ‘सोनू’ द्वारा ‘इक प्यार का नगमा है’ गीत की तर्ज़ पर रचित रचना ।