कन्हैया इक नजर जो आज तुझको देखता होगा मेरे सरकार को किसने सजाया सोचता होगा (Kanhiya Ek Najar Jo Aaj Tujhko Dekhta Hoga Mere Sarkar Ko Kisne Sajaya Sochta Hoga)

Kanhiya Ek Najar Jo Aaj Tujhko Dekhta Hoga Mere Sarkar Ko Kisne Sajaya Sochta Hoga
कन्हैया इक नजर जो आज तुझको देखता होगा मेरे सरकार को किसने सजाया सोचता होगा

 

तर्ज – खुदा भी आसमां से जब जमीन

 

कन्हैया , इक , नजर जो … आज , तुझको , देखता होगा …-2
मेरे , सरकार को , किसने ….सजाया … सोचता , होगा ।।

 

सजा कर .. खुद वो , हैरान है … की , ये तस्वीर , किसकी है..-2
सजाया … तुझको , जिसने भी … हँसीं , तकदीर , उसकी है ..-2
कभी , खुश हो  , रहा होगा … खुशी से , रो , रहा होगा ।।

 

जमाने …भर के , फूलो से …कन्हैया को , लपेटा है …-2
कली को … गूँथ कर , कितने ही ….गजरो में ,समेटा है …-2
सजा , श्रृंगार , ना पहले … ना कोई , दूसरा होगा ।।

 

 फरिस्ते …भी , तुझे …छुप छुप , के .. कान्हा , देखते होंगे
तेरी , तस्वीर में … खुद की , झलक …वो , देखते होंगे 
‘हर्ष’ के , दिल पे …जो , गुजरे … ये,  वो ही , जनता होगा

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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