Kun Jane Ya Maya Shyam Ki Ajab Nirali Re Tirloki Ko Naath Jaat Ko Ban Gyo Haali Re
कुण जाणे या माया श्याम की अजब निराली रे तिरलोकी को नाथ जाट को बन गयो हाली रे
कुण जाणे ,या माया ,श्याम की..अजब , निराली रे ,
तिरलोकी को ,नाथ जाट को…बन गयो ,हाली रे ||
बन गयो हाली ,बन गयो हाली…श्याम…बन गयो ,हाली रे..
ओ तिरलोकी को ,नाथ जाट को ,बन गयो ,हाली रे ||
सौ बीघा को खेत जाट को , श्याम भरोसे खेती रे |
आधा में तो गेंहूँ चना , आधा में दाना मेथी रे |
बिना बाड़ को खेत जाट को , श्याम रुखाली रे ||
तिरलोकी को नाथ , जाट को , बन गयो हाली रे
भूरी भैंस चमकनी जाट के , दो छेला दो नारा रे |
बिना बाड़ को बाडो ज्यामे , बांधे न्यारा-न्यारां रे |
आवे चोर जद आतो दिखें , काढ़े गाली रे।
यो तिरलोकी को नाथ जाट को बन गयो हाली रे
जाट-जाटनी सुख़ स सोवे, सोवे छोरा-छोरी रे |
श्याम धणी पहरे के ऊपर , कैयां होवे चोरी रे ||
चोर लगावे नित का चक्कर,जावे खली रे।
यो तिरलोकी को नाथ जाट को बन गयो हाली रे
बाजर की रोटी खावे , ऊपर घी को लसको रे |
पालक की तरकारी साग , भरे-मूली को बटको रे |
छाछ राबड़ी को करे कलेवो , भर-भर थाली रे ||
यो तिरलोकी को नाथ जाट को बन गयो हाली रे
धन्ना जाट को छपरो छायो , लक्षमी बंद खिचयो रे।
चेजारो बन चिनबा लाग्यो , हातां ही गारो गयो रे।
बना दियो घर जड़ के तालो, दे गयो तली रे।
यो तिरलोकी को नाथ जाट को बन गयो हाली रे
” सोहनलाल” लोहकार कवे , यो घर भक्तां के जावे रे |
धाबलिये की ओल बेठकर , श्याम खीचड़ो खावे रे।
भगतां के संग नाचे कूदे , दे दे तली रे।
यो तिरलोकी को नाथ जाट को बन गयो हाली रे
बन गयो हाली बन गयो हाली..श्याम..बन गयो हाली रे
ओ तिरलोकी को नाथ जाट को बन गयो हाली रे ||
यो तिरलोकी को नाथ जाट को बन गयो हारी रे
।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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