लिखता हूँ खत में तुझे अपने दिल की बात (Likhta Hu Khat Me Tujhe Dil Ki Baat)

Likhta Hu Khat Me Tujhe Dil Ki Baat Shyam Sambhalo Aakar Laaj Tumhare Haath
लिखता हूँ खत में तुझे अपने दिल की बात है श्याम सम्भालो आकर है लाज तुम्हारे हाथ

 

तर्ज – देना हो तो दीजिये

 

लिखता हूँ खत में तुझे,अपने दिल की बात
है श्याम सम्भालो आकर,है लाज तुम्हारे हाथ।।

 

शरणागत की बात साँवरे,तुझे निभानी आती है,
इसी भरोसे मैंने लिख दी,प्रेम भरी ये पाती है,
इस चिठ्ठी में पढ़ लेना,मेरे ह्रदय के जज्बात।।(१)

 

सारे जग की आश छोड़ कर,जिसने तुझे बुलाया है,
आकर काज सँवारे तुने,आकर मान बढ़ाया है,
नरसी ने चिठ्ठी भेजी,आये थे भरने भात।।(२)

 

नरसी जैसे भाव नहीं है,फिर भी है विश्वास तेरा,
जीवन के हर मोड़ पे मुझको,होता है आभास तेरा,
है दारमदार तुम्हीं पे,प्रभु मेरी क्या औकात।।(३)

 

मेरे घर के मालिक तुम हो,तुम्हे निमंत्रण क्या दूँ में,
एक सहारा तेरा मुझको,इतना याद दिलादूँ मैं,
तेरी बाट निहारे “बिन्नू”,ले अँसुवन की सौगात।।(४)

 

लिखता हूँ खत में तुझे,अपने दिल की बात

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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