मेरी इस जमाने में हस्ती ना होती अगर तुम ना होते किनारे पर मेरी कश्ती ना होती अगर तुम ना होते (Meri Is Jamane Me Hasti Na Hoti Agar Tum Na Hote Kinare Par Meri Kasti Na Hoti Agar Tum Na Hote)

Meri Is Jamane Me Hasti Na Hoti Agar Tum Na Hote Kinare Par Meri Kasti Na Hoti Agar Tum Na Hote
मेरी इस जमाने में हस्ती ना होती अगर तुम ना होते किनारे पर मेरी कश्ती ना होती अगर तुम ना होते

 

तर्ज – हमें और जीने की चाहत ना होती

 

मेरी इस जमाने में हस्ती ना होती,
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते
किनारे पर मेरी कश्ती ना होती,
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते ।।

 

हम थक गये थे, भटकते-भटकते,
गिरे जा रहे थे, संभलते-संभलते,
उठने की मुझमें, शक्ति ना होती ।
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते ।।

 

संकट भी आये, हमे हैं डराये,
भरोसा हमारा, हमें है जिताये,
मेरे दिल में तेरी, भक्ति ना होती ।
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते ।।

 

कहने को तो है, सब कुछ हमारा,
मगर सच तो ये है, सब कुछ तुम्हारा,
किस्मत भी इतनी, अच्छी ना होती ।
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते ।।

 

कहता है ‘मोहित’, धन्यवाद तेरा,
तुमसे ही जीवन, आबाद मेरा,
खुशियां भी इतनी, सस्ती ना होती ।
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते ।।

 

श्री आलोक गुप्ता ‘मोहित’ द्वारा ‘हमें और जीने की चाहत ना होती’ गीत की तर्ज़ पर रचित श्याम वन्दना ।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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