Naath Main Thaaro Ji Thaaro Choko Maado Kutil Aru Kaami Jaiso Hu Thaaro
नाथ मैं थारो जी थारो कदे ना होसू न्यारो चोखो बुरो माड़ो कुटिल अरु कामी जैड़ो हु सब थारो
तर्ज – मारवाड़ी
नाथ मैं थारो जी थारो , कदे ना होसू न्यारो -2
चोखो , बुरो (माड़ो) , कुटिल अरु कामी , जैड़ो हु सब थारो।।
बिगडयो हु तो थारो बिगडयो , थे ही मने सुधारो
सुधरयो तो प्रभु थारो सुधरयो , थांसु कदे न न्यारो।।नाथ मैं..
बुरो-बुरो मैं बहुत बुरो हु , आखिर टाबर थारो
बुरो कहाकर मैं रह जासु , नाम बिगड़सी थारो।। नाथ मैं…
थारो हु थारो ही बाजू , रहस्यू थारो थारो
आँगल्या सु नख परे न होवे , ओ तो आप विचारो।। नाथ मैं…
म्हारी बात जाय तो जावे , सोच नही कुछ म्हारो
म्हाने बड़ो सोच ओ लागे , बिड़द लाजसी थारो ।। नाथ मैं…
जो चाहे जिस तरह करो नाथ , अब चारो चाहे तारो
बिना कापड़ लाज मारोगा , ऊंची बात विचारो।। नाथ मैं…