Pallo Bhar Yo Maharo Pallo Bhar De Tere Kyanko Ghato Sanwara Pallo Bhar De
पल्लो भर यो म्हारो पल्लो भर दे तेर क्यां को घाटो साँवरा म्हारो पल्लो भर दे
तर्ज – पल्लो लटके
पल्लो भर यो म्हारो पल्लो भर दे,
तेर क्यां को घाटो साँवरा, म्हारो पल्लो भर दे।।
सारी दुनिया म सुन राखी,तु है मालिक मोटो,
एक मुट्ठी स भर जावगो, म्हारो पल्लो छोटो ।।(१)
नजर उठा कर देख ले दाता, होजा दूर अंधेरो,
म्हारा नाका पी जावगा, कुछ ना बिगड़ तेरो ।।(२)
बिन मांग्या ही देवे सब न,म्हे तो मांगण आया,
माँगणियां न मतना नाटै, अहिलावती का जाया।।(३)
खाली जायां ई चौखट स,जग म होव हाँसी,
ई स चोखो टाबरियां पर,कर दे महर जरासी।।(४)
पल्लो भर दे सिर पर धर दे,हाथ बात बन जाव,
“बिन्नू” न तेरो लाग्यो चस्को, सदा ही माँगण आव।।(५)
तेर क्यां को घाटो साँवरा म्हारो पल्लो भर दे