Puri Ho Jasi Sochi Sagli Man Ki Baat Chalo Khatu Me Jagasa Gyaras Ki Raat
पूरी हो जासी जो सोची सगळी मन की बात चालो खाटू में जगा सा ग्यारस की रात
तर्ज – परम्परागत
पूरी हो जासी … पूरी हो जासी
पूरी हो जासी जो , सोची सगळी , मन की बात-2
चालो खाटू में -2 … जगा सा , ग्यारस की रात
जैपर से रींगस … रींगस से कोस बारा …-2
फागण में खाटू नगरी का देखा अजब नजारा…-2
श्याम धणी लीले आले की -2….नित नई करामात…-2
चालो खाटू में -2…जगा सा , ग्यारस की रात
मेरे श्याम सांवरिया …. सुण ले भागता री टेर…-2
हाथो हाथ ही , देवे पर्चो , काल करे ना देर-2
वो तो मोटो साहूकार -2…के श्याम प्रभु की बात…-2
चालो खाटू में -2…जगा सा , ग्यारस की रात
कौठी मांगी , कोठी देदी …. गाडी मांगी , गाडी देदी…-2
बाँझ की गोदी भर दी , दादी ने दे दियो पोतो-2
आयो हँसतो हँसतो … गयो जो रोतो रोतो…-2
शीश का दानी देतया देखा -2 … मुह मांगी सौगात….-2
चालो खाटू में -2…जगा सा , ग्यारस की रात
क्यु दर दर भटके … ले श्याम सुंदर की ओट…-2
सरल बावला मिट जासी , थारे मन की खोट…-2
लक्खा सबकी सुणे मेरो बाबो-2… देखे जात ना पात…-2
चालो खाटू में -2…जगा सा , ग्यारस की रात