Tera Hi Diya Jivan Tujh Par Hi Lutana Hai
तेरा ही दिया जीवन तुझपे ही लुटाना है
तर्ज – एक प्यार का नग़मा
तेरा ही दिया जीवन, तुझपे ही लुटाना है,
जो कुछ भी दिया तुमने, उसका शुकराना है ।।
क्या लेकर आये थे, क्या लेकर जायेंगें,
राजा हो या रंक सभी, एक दिन मर जायेंगें,
तेरी इस दुनिया में, कुछ वक़्त बिताना है ।
जो कुछ भी दिया तुमने, उसका शुकराना है ।।
ये वक़्त का पहिया है, चलता ही जाता है,
हम सब तेरे पुतले हैं, हमें तूं ही नचाता है,
ये भाव-भजन तुमसे, मिलने का बहाना है ।
जो कुछ भी दिया तुमने, उसका शुकराना है ।।
तन की सुन्दरता पे, हम सब इतराते हैं,
मन मैला है कितना, हम भूल ये जाते हैं,
बन करके राख प्रभु, एक दिन उड़ जाना है ।
जो कुछ भी दिया तुमने, उसका शुकराना है ।।
‘रोमी’ की अर्जी पे, मर्जी तेरी हो जाये,
तुमसे हो मिलन प्यारे, तुझमें ही खो जायें,
तुमसे दो बातों का, मुझे वक़्त चुराना है ।
जो कुछ भी दिया तुमने, उसका शुकराना है ।।
श्री हरमहेन्द्र पाल सिंह ‘रोमी’ द्वारा ‘एक प्यार का नग़मा है, मौजों की रवानी है’ गीत की तर्ज़ पर रचित भाव भरी रचना ।