गणनायक महाराज को प्रथम करां आहवान (Gannayak Maharaj Ko Pratham Kara Aavahan)

Gannayak Maharaj Ko Pratham Kara Aavahan

गणनायक महाराज को प्रथम करां आहवान

 

तर्ज-देना हो तो दीजिये

 

गणनायक महाराज को प्रथम करां आहवान,
म्हारा कारज सफल बनाद्यो, थारो ऊँचो स्थान।।

शिवयोगी का पुत्र लाडला,पार्वती का प्यारा हो,
एकदन्त गजवदन विनायक,सब देवां स न्यारा हो,
आ जाओ दुंद दुंदाला, म्हे करां थारा गुणगान।।(१)

ऋषि मुनि और देवी देवता,करे बड़ाई थारी जी,
ऋद्धि सिद्धि शुभ लाभ के दाता, थे सबका हितकारी जी,
सब शुभ कामां म देवा,होव थारो सम्मान।।(२)

थान्न प्रथम मनाय करां हाँ,म्हें कीर्तन को शुभ आरम्भ,
देरी मतना करो दयालु,अब आ जाओ थे अविलम्ब,
संग देवी देवता ल्याज्यो,थारी सब स पहचान।।(३)

‘श्याम परिवार’ का सब टाबरिया,हर्ष हर्ष गुण गाव है,
“बिन्नू” भी भगतां क सागै,जय जयकार लगाव है,
कीर्तन मं रंग जमाज्यो,मानांगा म्हें एहसान।।(४)

गणनायक महाराज को प्रथम करां आहवान

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम यही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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