क्यूँ हार गुलाबी पहरयो तेरो चमकण लाग्याे चेहरो नजर लग ज्यावगी साँवरिया (Kyu Haar Gulabi Pahro Tero Chamkan Lago Chehro Najar Lag Javeli Sanwariya)

Kyu Haar Gulabi Pahro Tero Chamkan Lago Chehro Najar Lag Javeli Sanwariya
क्यूँ हार गुलाबी पहरयो तेरो चमकण लाग्याे चेहरो नजर लग ज्यावगी साँवरिया

 

तर्ज  – तुझे चाँद के बहाने देखूँ / उड़े जब जब जुल्फे तेरी

 

दोहा- खाटू वाले श्याम काे, महक रयो दरबार । 
खूब सज्यो है सोवणो, लेओ नजर उतार ।। 

 

क्यूँ हार गुलाबी पहरयो, तेरो चमकण लाग्याे चेहरो 
नजर लग ज्यावगी – नजर लग ज्यावगी साँवरिया 
सोणाे-साेणाे लागे मेरा श्याम, प्यारो-प्यारो लागे मेरो श्याम ।। टेर ।। 

 

तूँ तो जनम-जनम सं सौणो, भगतां राे श्याम सलोनो 
दुनिया मं नहीं तेरो जाेड़ाे, ज्यादा मत सज थोड़ो-थोड़ो 
नजर लग ज्यावगी साँवरिया….. ।। û ।।

 

तेरे या के मन मं आई, काजलियो आँख्या माँही
तेरे या के मन मं आई, माथे पर बिन्दी लगाई
नजर लग ज्यावगी साँवरिया….. ।। ü ।।

 

तन्न कुण उलटो समझायो, चन्दन को लेप लगायाे 
‘बनवारी’ मत मुस्कावे, आँख्या न क्यूँ मटकावे 
नजर लग ज्यावगी साँवरिया…..

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम ही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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