Mangal Kari Bhav Bhay Hari Sab Su Nyari Nyari Mor Chadi Babe Ki
मंगलकारी भव भय हारी सैसु न्यारी न्यारी मोर छड़ी बाबे की
तर्ज – ऐसी मस्ती कहां मिलेगी श्याम नाम रस पिले
।।मोर छड़ी श्री श्याम की , लहर लहर लहराए।।
।। कष्ट हरे मंगल करे , भक्तों की करे सहाय ।।
।।मंगलकारी भव भय हारी , सैसु न्यारी न्यारी
मोर छड़ी बाबे की
श्याम प्रभु के हाथ में सोहे , लागे प्यारी प्यारी
मोर छड़ी बाबे की ।।
।।जद जद भीड़ पड़ी भगतां पर , भगता अरज लगाई
खाटू वालो सेठ श्याम , भगतां की करे सुनाई
घूम रही है चारु कन्या , बीच में श्याम बिहारी
मोर छड़ी बाबा की ।।
।।श्याम बहादुर , आलू सिंह , श्री काशीराम गुण गावे
बाई सावित्री , मौसीजी , कीर्तन में श्याम रीझावे
भक्ति का रंग देख देख या , नाचे दे दे ताली
मोर छड़ी बाबे की।।
।।जादूगरी मोर छड़ी , नित चमत्कार दिखलावे
संकट हारी मोर छड़ी , भक्ता का कष्ट मिटावे
किस्मत के ताले न खोल दे , नंदू बण
मतवारी मोर छड़ी बाबे की।।