नन्द रानी कन्हैया जबर भयो रे मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे (Nandrani Kanhiya Jabar Bhayo Re Meri Matki Ulat Ke Palat Gyo Re)

Nandrani Kanhiya Jabar Bhayo Re Meri Matki Ulat Ke Palat Gyo Re
नन्द रानी कन्हैया जबर भयो रे मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे

 

तर्ज – परंपरागत

 

नन्द रानी कन्हैया, जबर भयो रे 
मेरी मटकी उलट के, पलट गयो रे

 

।। अन्तरा।।
मुस्कान इसकी, लगे प्यारी प्यारी
दीवानी हुई इसकी, सारी ब्रजनारी
ऐकी बंशी में जियरो, अटक गयो रे।।
मेरी मटकी उलट…………….।।1।।

 

 पनघट पे आके, करै जोरा जोरा जोरी
चुपके से आके, करै चीर चोरी
मैया हल्लो मच्यो तो, सटक गयो रे।।
मेरी मटकी उलट…………….।।2।।

 

 घर घर में जाके, यो माखन चुरावे
खावै सो खावै, जमीं पै गैरावे
मैया रोकनो हमारो, खटक गयो रे।।
मेरी मटकी उलट…………….।।3।।

 

 मैं तो दुखारी, गरीबी की मारी
नहीं जोर चालयो, तो दिन्ही मैं गारी
‘नन्दू’ बैयाँ कन्हैया, झटक गयो रे।।
मेरी मटकी उलट…………….।।4।।

 

।। श्री श्याम आशीर्वाद ।।
।। श्याम श्याम तो मैं रटू , श्याम यही जीवन प्राण ।।
।। श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।
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