Prabhu Hamko Ijajat Do Tumse Najre Milane Ki Tammana Hai Meri Tumko Nigaho Me Basane Ki
प्रभु हमको इजाजत दो तुमसे नजरें मिलाने की तमन्ना है मेरी तुमको निगाहों में बसाने की
तर्ज – ना झटको जुल्फ से
प्रभु हमको इजाजत दो, तुमसे नजरें मिलाने की,
तमन्ना है मेरी तुमको, निगाहों में बसाने की ।।
मिटादो दूरियां सारी, ना हमसे दूर यूँ बैठो,
मैं पापी हूँ नालायक हूँ, तुम तो मजबूर ना बैठो,
है ताकत आप में दाता, हमें लायक बनाने की ।।
तमन्ना है मेरी तुमको, निगाहों …….
तुम्हीं माता-पिता मेरे, तुम्हीं साथी सहारे हो,
मैं जैसा भी हूँ तेरा हूँ, प्रभु पालक हमारे हो,
करो कोशिश प्रभु थोड़ी, हमसे रिश्ता निभाने की
तमन्ना है मेरी तुमको, निगाहों …….
अधर्मी जानकर मुझसे, जो ना रिश्ता निभाओगे,
लगाकर ठोकरें दाता, जो चौखट से भगाओगे,
जरूरत क्या थी फिर मुझको प्रभु दर पे बुलाने की
तमन्ना है मेरी तुमको, निगाहों …….
तुम्हारे नाम की चर्चा, प्रभु जी दर पे ले आई है,
तुमसे दो बातें करने की, प्रभु हिम्मत जुटाई है,
हँसो ना तुम भी ‘रोमी’ पे, करो चिंता ज़माने की ।।
तमन्ना है मेरी तुमको, निगाहों …….
श्री हरमहेन्द्रपाल सिंह ‘रोमी’ द्वारा ‘ना झटको जुल्फ से पानी, ये मोती टूट जायेंगे’ गीत की तर्ज़ पर रचित अनुपम भावपूर्ण रचना ।