Tu Bana Duj Ka Chand Baba Nazar Kade Na Lage
तू बणा दुज का चांद बाबा नजर कदै ना लागे
नजर कदै ना लागे नजर कदै ना लागे
तू बणा दुज का चांद बाबा नजर कदै ना लागे
तनै घणा निहारा आज बाबा नजर कदै ना लागे
मैं हरियाणे सै आया, तेरा रूप देख चकराया
तेरी बाँकी टेढ़ी चितवन, मेरा हिवड़ा बहुत हर्षाया
तेरे घणे निराले ठाठ, बाबा नजर कदै ना लागे…..।।1।।
या मकराने की कोठी, तेरी आख्यां मोटी मोटी
मुल्कै से होले-होले, भक्तां पर फेकै गोटी
सोह मोर छड़ी थारे हाथ, बाबा नजर कदै ना लागे…।।2।।
नैन देख सलौना, मेरी हिलरी से पोरी-पोरी
अब जन्म-जन्म की बाबा, तेरे संग बाँधी डोरी
ते बहुत घणा खुर्राट, बाबा नजर कदै ना लागे…….।।3।।
काला टिका लगावै ले, या मिर्ची नीबूं बंधवाले
कह ‘हर्ष’ सांवरा खुद तै, विपदा त आज बचाले
तेरे रूतबे की क्या बात, बाबा नजर कदै ना लागै……..।।4।।